Published on 05/08/2025 02:12 PM
बाजार नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) स्पेक्युलेटिव ट्रेडिंग पर लगाम कसने के लिए वीकली एक्सपायरी पर रोक लगाने का विचार कर रहा है। इसने कैपिटल मार्केट से जुड़े स्टॉक्स को करारा झटका दे दिया। सेबी के कंसल्टेशन पेपर पर निफ्टी कैपिटल मार्केट्स इंडेक्स में सबसे अधिक बीएसई (BSE) का शेयर झुलसा है जोकि 3% से अधिक टूट गया। बाकी भी कैपिटल मार्केट स्टॉक्स की स्थिति अच्छी नहीं है। सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (CDSL) और मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (Motilal Oswal Financial Services) के शेयर भी 1-1% के करीब टूट गए तो एंजेल वन (Angel One) के शेयर करीब आधा फीसदी फिसल गया।
क्या है SEBI के कंसल्टेशन पेपर में?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ऑप्शन ट्रेडिंग पर लगाम लगाने के लिए सेबी एक पेपर जारी करने वाला है। इसे लेकर सेबी के अधिकारियों के साथ एक बैठक में वित्त मंत्रालय ने कहा कि वीकली एक्सपायरीज सिर्फ अटकलों को बढ़ावा दे रही है और देश की अर्थव्यवस्था में कोई योगदान नहीं कर रही है। इसके तहत सेबी कई विकल्पों पर गौर कर रहा है जिसके तहत वीकली एक्सपायरीज को घटाकर या तो द्विमासिक या मंथली करने का विकल्प है। इसके अलावा सेबी ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए मार्जिन की जरूरतों को बढ़ाने और कैश ट्रेड्स के लिए मार्जिन की जरूरतों को घटाने के विकल्प पर गौर कर रहा है।
एक और इस विकल्प पर गौर हो रहा है कि ऑप्शन ट्रेडिंग पर सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) बढ़ाई जाए और कैश ट्रेडिंग को प्रोत्साहित करने के लिए इस पर एसटीटी घटाई जाए। हालांकि रिपोर्ट के मुताबिक एसटीटी पर तो अगले साल फरवरी में बजट पेश होने के पहले कुछ नहीं हो सकता है। हालांकि सेबी इसे लेकर एक डिस्कशन पेपर जारी करेगा, ताकि सभी विकल्पों पर चर्चा हो सके। इसके बाद सेबी का बोर्ड इस पर फैसला लेगा।
कैपिटल मार्केट स्टॉक्स को क्यों लगा झटका?
सेबी जिन विकल्पों पर गौर कर रहा है, वह कैपिटल मार्केट स्टॉक्स के लिए काफी झटका साबित हो सकता है क्योंकि सेबी के विकल्प लागू होने पर ऑप्शन वॉल्यूम गिर सकता है। ऑप्शन वॉल्यूम गिरने, एक्सपायरी के दिन पर वोलैटिलिटी में उतार-चढ़ाव कम होने से रेवेन्यू में गिरावट आ सकती है। पिछले महीने सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अनंत नारायण ने कोलकाता में सीआईआई के 11वीं कैपिटल मार्केट्स कॉन्क्लेव में कहा था कि एक्सपायरी के दिन इंडेक्स ऑप्शंस में टर्नओवर अंडरलाइंग कैश मार्केट में टर्नओवर की तुलना में कभी-कभी 350 गुना या इससे अधिक हो जाता है। अनंत नारायण के मुताबिक इसे हेल्दी नहीं कह सकते हैं। उन्होंने कहा था कि एफएंडओ का टेन्योर बढ़ाकर इसकी क्वालिटी को बेहतक किया जा सकता है। अनंत नारायण के मुताबिक एक्सपायरी के दिन ऑप्शन ट्रेडिंग में उछाल से मार्केट वोलैटिलिटी बढ़ती है और इसके चलते सही कीमतें नहीं बन पाती है।
91% ट्रेडर्स को हो रहा घाटा
सेबी ने 7 जुलाई को कहा था कि फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) में यूनिक इंडिविजुअल इंवेस्टर्स का संख्या सालाना आधार पर 20% गिर गई लेकिन दो साल पहले की तुलना में 24% अधिक रही। सेबी की स्टडी में पाया गया कि ₹1 लाख से कम के टर्नओवर वाले ट्रेडर्स की संख्या में सालाना आधार पर सबसे अधिक गिरावट आई लेकिन इसी ग्रुप की दो साल पहले की तुलना में सबसे अधिक बढ़ोतरी भी हुई। इस स्टडी के मुताबिक इंडिविजुअल ट्रेडर्स की शुद्ध घाटा वित्त वर्ष 2025 में सालाना आधार पर 41% बढ़कर ₹74,812 करोड़ से ₹1,05,603 करोड़ पर पहुंच गया। इसमें ट्रांजैक्शन कॉस्ट भी शामिल है। सेबी के मुताबिक 91% यानी कि 10 में से 9 ट्रेडर्स को एफएंडओ में नुकसान हो रहा है।
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