News Image
Money Control

India-Pakistan Tension: ताजा हमलों के बाद गिर सकता है शेयर बाजार, लेकिन न घबराएं निवेशक; जल्द रिकवरी भी मुमकिन: नीलेश शाह

Published on 09/05/2025 01:03 AM

Stock Market Outlook: भारत और पाकिस्तान के बीच ताजा हमलों के बाद बढ़े तनाव से भारतीय शेयर बाजार में गिरावट आ सकती है। लेकिन निवेशक काफी हद तक पोर्टफोलियो में हिट के लिए तैयार हैं। इसकी वजह है कि उनका मानना है कि जो हुआ, वह होना चाहिए था। जम्मू-कश्मीर पहलगाम में हुआ आतंकी हमला नाकाबिले बर्दाश्त है। आगे युद्ध जैसे पैदा हो रहे हालात के बीच भारतीय बाजार में गिरावट आ सकती है। लेकिन इसे लेकर निवेशकों को घबराना नहीं है।

एक उम्मीद यह भी है कि मार्केट इन हमलों को पॉजिटिवली ले और 9 मई को बढ़त के साथ इन्हें सलामी दे। मार्केट एक्सपर्ट और कोटक म्यूचुअल फंड के एमडी नीलेश शाह का मानना है कि कारगिल युद्ध के दौरान भी शेयर बाजार गिरा था लेकिन जल्द रिकवरी भी हुई थी। शाह ने कहा कि हर भारतीय आज अपनी सेना के साथ है। पाकिस्तान पिछले 10 साल से घिनौनी हरकतें कर रहा था। और हम अमन की आशा की बात कर रहे थे। अब समय आ गया है कि उन्हें सबक सिखाया जाए।

फुल स्केल वॉर के होते हैं विपरीत असर

शाह ने कहा कि जब फुल स्केल वॉर होती है तो सरकार खर्चा करती है, ग्रोथ कम होती है और महंगाई बढ़ती है। हर तरह के मार्केट पर विपरीत असर होता है। हमें 1962, 1965 या 1971 की वॉर का कोई अनुभव नहीं है। हां लेकिन हमने 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान का अनुभव देखा है। शाह ने कहा कि उस वक्त मार्च महीने में जब भारत को पता चला कि कारगिल पर पाकिस्तान ने कब्जा कर लिया है तो मार्केट गिरने लगा। निफ्टी जो 1000 से ज्यादा पर था, 15 प्रतिशत नीचे आ गया था। उस वक्त भारत ने कहा कि वह LOC क्रॉस नहीं करेगा, तब लोगों को लगा कि यह वॉर लिमिटेड रहेगी। फुल स्केल नहीं होगी। तब उस माहौल में मार्केट ने बढ़ना चालू किया। 3 मई 1999 में जब जंग शुरू हुई तो मार्केट ने 8 प्रतिशत की रिकवरी कर ली। उस वक्त भारत की जीत के आसार दिख रहे थे। 3 मई 1999 से 26 जुलाई 1999 तक मार्केट लगातार बढ़ता रहा। इसके बाद जब युद्ध का अंत हुआ तो उसी एक साल में निफ्टी लगभग 20 प्रतिशत और बढ़ गया।

लिमिटेड वॉर रही तो दिखेगा कम प्रतिकूल असर

शाह का कहना है कि अगर इस बार भी संघर्ष कारगिल युद्ध की तरह ही लिमिटेड रहा तो मार्केट शायद ज्यादा प्रभावित न हो। लेकिन अगर फुल स्केल वॉर होती है और भारत की GDP, महंगाई और बाकी इकोनॉमिक फैक्टर्स पर प्रतिकूल प्रभाव होता है तो हम इतने सक्षम हैं कि इस झटके को सहन कर सकें। लेकिन सामने आने वाले प्रतिकूल प्रभावों का रुपये, ब्याज दरों और शेयर बाजार में कुछ समय के लिए असर देखने को मिल सकता है।

कारगिल युद्ध के दौरान निफ्टी 3 मई से 26 जुलाई 1999 के बीच 36.6 प्रतिशत बढ़त पर था। एक साल बाद 16.6 बढ़त पर था। उरी स्ट्राइक के दौरान 18-28 सितंबर 2016 के बीच निफ्टी 0.4 प्रतिशत और एक साल बाद 11.3 प्रतिशत बढ़त पर था। बालाकोट स्ट्राइक 14-26 फरवरी 2019 के बीच 0.4 प्रतिशत गिरा था और एक साल बाद 8.9 प्रतिशत की बढ़त पर था।

पाकिस्तान के साथ तनाव का अभी खास असर नहीं, तनाव बढ़ा तो 24200-23800 का स्तर होगा अहम -अनु जैन

ट्रेडर्स को चौकन्ना रहने की जरूरत, निवेशक बेझिझक हर करेक्शन पर कर सकते हैं खरीद 

शाह की सलाह है कि ट्रेडर्स को चौकन्ना रहने की जरूरत है। जिस तरह हालात बदलते हैं, उसमें कुछ भी हो सकता है। लेकिन अगर आप निवेशक हैं तो बेझिझक हर करेक्शन पर खरीदारी कर सकते हैं। पाकिस्तान पर पूरी दुनिया की ओर से दबाव है। वह हर बार विक्टिम कार्ड नहीं खेल सकता। उम्मीद है कि भारतीय लीडरशिप, हमारी सैनिकों की वीरता और इंटरनेशनल प्रेशर, पाकिस्तान को पीछे हटने के लिए मजबूर करेंगे। ऐसे में हर करेक्शन निवेश के लिए एक अवसर बनेगा।

शाह की निवेशकों को सलाह है कि जो निवेशक लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहता है, वह धीरे-धीरे खरीदारी कर सकता है। मार्केट अगर बहुत नीचे चला जाए तो बेचने का मतलब नहीं है। हर करेक्शन में खरीदारी सही रहेगी क्योंकि हमारी फंडामेंटल ग्रोथ स्टोरी आज भी अच्छी है। 1962, 1965, 1971 के बड़े युद्धों ने हमारी इकोनॉमी को पीछे नहीं धकेला। एक झटका जरूर लगा लेकिन हम उसे कवर करके आगे चलते गए हैं। इसलिए करेक्शन में बेचने की जगह निवेश की सोचें। युद्ध का माहौल है, घटनाएं घट सकती हैं। इसलिए बाजार हमेशा सबसे बुरी संभावना को डिस्काउंट करने की कोशिश करेगा। इसलिए धीरे-धीरे निवेश करने का मन बनाइए।

अगर बाजार गिरा तो कौन सी थीम बेस्ट बाय रहेंगी? इस पर शाह ने कहा कि पहली थीम तो डिफेंस स्टॉक हैं। डिफेंस सेक्टर को इस माहौल में शायद फायदा हो जाए। 9 मई को शायद बाकी सेक्टर गिरावट में खुलें।

India Vs Pak: भारत से 250 गुना छोटा है पाकिस्तान का शेयर बाजार, महज 500 कंपनियां हैं लिस्टेड

अगर ये लंबी लड़ाई चली तो मार्केट में क्या होगा?

अगर लड़ाई लंबी चलती है तो मार्केट पर कितना असर होगा। इस सवाल के जवाब पर नीलेश शाह ने कहा, "भारत और पाकिस्तान दोनों के पास परमाणु बम हैं। अगर इनके बीच लड़ाई लंबी चली तो सब ये सोचेंगे कि कोई देश न्यूक्लियर बम का इस्तेमाल कर सकता है क्या। इससे जो तबाही होगी वह अकल्पनीय है। अगर यह डर हावी हुआ तो शेयर मार्केट में बहुत बड़ी गिरावट आ सकती है।"

Tags: #share markets

First Published: May 08, 2025 11:58 PM

हिंदी में शेयर बाजार,  स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।