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MC Market Poll : निफ्टी के साल 2025 के अंत तक 25000 से 27000 के बीच रहने की उम्मीद, यहां से किसी बड़ी गिरावट का डर नहीं

Published on 12/06/2025 11:10 AM

MC Market Poll :  मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना ​​है कि निफ्टी के चालू कैलेंडर वर्ष के अंत में 25000 और 27000 के बीच रहने की संभावना है। इसका अर्थ यह है कि इसमें मौजूदा स्तरों से लगभग 7-8 फीसदी की अच्छी बढ़त देखने को मिल सकती। जबकि कई लोगों का मानना ​​है कि बाजार इस साल के अपने निचले स्तर पर पहुंच चुका है। अब यहां से किसी बड़ी गिरावट का डर नहीं है। मौजूदा स्तरों से कोई भी गिरावट 10 फीसदी से कम ही होगी।

यहां हम मनीकंट्रोल मार्केट पोल के ताजे संस्करण के कुछ अहम निष्कर्ष दे रहे हैं। इस पोल में ब्रोकिंग फर्म, म्यूचुअल फंड, एआईएफ, पीएमएस और स्वतंत्र विशेषज्ञों सहित विभिन्न श्रेणियों के दो दर्जन से अधिक उत्तरदाताओं ने भाग लिया।

साल 2025 के लिए इंडेक्स टारगेट पर बात करते हुए 55 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि निफ्टी 25,000 और 27,000 के बीच साल की क्लोजिंग करेगा। जबकि 21 फीसदी लोगें ने कहा कि बेंचमार्क इस साल की क्लोजिंग 23,000 और 25,000 के बीच कर सकता है।

पोल में भाग लेने वाले 21 फीसदी लोगों ने ज्यादा बुलिश रुख दिखाया और कहा कि उन्हें उम्मीद है कि निफ्टी 50 इंडेक्स साल 2025 की क्लोजिंग 27,000 से ऊपर कर सकता है। केवल तीन फीसदी लोगों ने कहा कि निफ्टी चालू कैलेंडर वर्ष की क्लोजिंग 23,000 से नीचे कर सकता है,जिसका अर्थ है कि इनको वर्तमान स्तरों से निफ्टी में लगभग 8.5 फीसदी की गिरावट की आशंका है।

संयोग से यह अनुमान अधिकांश लोगों के विचार से भी मेल खाता है। 86 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना ​​है कि मौजूदा स्तरों से आगे आने वाली कोई भी गिरावट अधिकतम 10 फीसदी तक सीमित रहेगी। हालांकि, 65 प्रतिशत उत्तरदाताओं का यह भी मानना ​​है कि बाजार इस साल के अपने निचले स्तर पर पहुंच चुका है।

भारतीय शेयर बाजारों के सामने आने वाले बड़े जोखिमों पर अपनी राय देते हुए पोल में भाग लेने वाले लोगों ने ग्लोबल/घरेलू भू-राजनीतिक तनावों, ग्लोबल टैरिफ वॉर और अर्निंग में सुस्ती को तीन बड़ी चिंताएं कहा है। इन्हीं चिंताओं की वजह से मजबूत जीडीपी आंकड़ों और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा उम्मीद से ज्यादा दर कटौती जैसे पॉजिटिव कदमों के बाद भी भारतीय बाजारों में उतार-चढ़ाव के साथ गिरावट का रुख देखने को मिल रहा है।

फंड निवेश से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए 62 फीसदी लोगों ने कहा कि वे मिड या स्मॉल-कैप शेयरों के बजाय लार्ज कैप में निवेश करना पसंद करेंगे। दिलचस्प बात यह है कि 62 फीसदी लोगों ने कहा कि बीएसई मिडकैप, बीएसई स्मॉलकैप और बीएसई 500 जैसे ब्रॉडर मार्केट इंडेक्स का वैल्यूएशन महंगा है।

विदेशी निवेश के मामले में 83 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें एफपीआई निवेश में किसी मंदी की उम्मीद नहीं है। हालांकि,जून के महीने में फिर से इसमें मंदी के रुझान देखने को मिले हैं। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने मई में 2.3 अरब डॉलर का निवेश किया था। लेकिन जून में अब तक वे 236 मिलियन डॉलर के नेट सेलर रहे हैं। साल 2025 में अब तक, FPI 10 अरब डॉलर से थोड़ा ज्यादा के नेट सेलर रहे हैं।

 

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डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को मनी कंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।

 

 

Tags: #share markets

First Published: Jun 12, 2025 10:48 AM

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