Published on 11/06/2025 11:24 PM
Mutual Funds: भारत की म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में मई 2025 में लार्ज-कैप फंड्स की इनफ्लो (निवेश) में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, लार्ज-कैप फंड्स में निवेश मई में 53.19% गिरकर ₹1,250.47 करोड़ रहा, जबकि अप्रैल में यह ₹2,670 करोड़ के करीब था।
ये गिरावट ऐसे समय में आई है जब निफ्टी 50 और सेंसेक्स दोनों में करीब 2% की बढ़त दर्ज हुई थी। हालांकि मिड-कैप और स्मॉल-कैप फंड्स में भी निवेश धीमा हुआ, सबसे ज्यादा असर लार्ज-कैप सेगमेंट में देखा गया है।
निवेशकों की प्राथमिकता बदल रही?
Morningstar इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, “लार्ज-कैप को पूरी तरह नजरअंदाज नहीं किया गया है, लेकिन ये अब निवेशकों की पहली पसंद नहीं लगते।” उनके मुताबिक युवा और नए निवेशक छोटी कंपनियों में हालिया बढ़त से आकर्षित हो रहे हैं, लेकिन समझदारी इसी में है कि पोर्टफोलियो में लार्ज-कैप का संतुलित हिस्सा बना रहे।
White Oak एसेट मैनेजमेंट के CIO रमेश मंत्री का मानना है कि इनफ्लो में बदलाव निवेशकों की मानसिकता को दिखाता है, न कि बाजार की बुनियादी ताकत को। उन्होंने कहा, “फ्लो बाजार को नहीं, बाजार फ्लो को चलाता है।” मंत्री ने बताया कि लार्ज-कैप में निवेश आमतौर पर लंप-सम (एकमुश्त) होता है, जबकि मिड और स्मॉल-कैप में SIP के जरिए आता है।
निवेशक कहां जा रहे हैं?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि लार्ज-कैप फंड्स में डायरेक्ट निवेश भले ही घटा हो, लेकिन निवेशक फ्लेक्सी-कैप और मल्टी-कैप फंड्स के जरिए अप्रत्यक्ष रूप से इसमें निवेश कर रहे हैं।
इसके अलावा, ETF और इंडेक्स फंड जैसे पासिव इनवेस्टमेंट ऑप्शन भी लार्ज-कैप के लिए लोकप्रिय हो रहे हैं।
लार्ज कैप फंड की परफॉर्मेंस कैसी रही?
Ace Equity के आंकड़ों के मुताबिक, केवल 45% लार्ज-कैप फंड्स (33 में से 18) ने पिछले एक साल में बेंचमार्क से बेहतर प्रदर्शन किया। वहीं, तीन साल के टाइमफ्रेम में सिर्फ 16 फंड्स और पांच साल में केवल 8 फंड्स ने बेंचमार्क को पछाड़ा है।
टॉप परफॉर्मर्स (1-वर्षीय प्रदर्शन):
पांच साल का प्रदर्शन:
Motilal Oswal AMC के फंड मैनेजर अतुल मेहरा ने कहा, “लोग सोचते हैं कि लार्ज-कैप में रिटर्न कम है, जबकि हमने अपने फंड में 23% का अल्फा दिखाया है। फंड मैनेजर का काम है मौके पहचानना और फायदा उठाना।”
क्या वाकई लार्ज-कैप पीछे रह गया है?
Anand Rathi के हेड ऑफ इक्विटी रिसर्च नरेंद्र सोलंकी का कहना है कि कुछ सेक्टर्स (जैसे बैंकिंग और IT) में हालिया सुस्ती आई है, लेकिन लार्ज-कैप अब भी वैल्यू ऑफर करता है। उनके मुताबिक, मिड- और स्मॉल-कैप में जो तेजी दिख रही है वह सेक्टर-थीम आधारित है। जैसे PLI से लाभ पाने वाली कंपनियां, इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग और रेलवे सेक्टर।
रमेश मंत्री का भी मानना है कि स्मॉल और मिड-कैप की मौजूदा तेजी को लेकर ज्यादा उत्साहित नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, “लंबे समय के रिटर्न देखें तो साफ नहीं है कि ये सेगमेंट लार्ज-कैप को लगातार मात देते हैं। फिलहाल तो लार्ज-कैप कंपनियां करीब 20% डिस्काउंट पर ट्रेड कर रही हैं, जो उन्हें वैल्यूएशन के लिहाज से आकर्षक बनाता है।”
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First Published: Jun 11, 2025 11:24 PM
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