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SEBI ने फ्रॉड का पता लगाने के लिए बनाया बड़ा प्लान, CA फ्रॉड का संकेत दिखते ही खबर कर देंगे

Published on 05/06/2025 02:36 PM

इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (आईसीएआई) और सेबी कंपनियों में फ्रॉड का पता लगाने के लिए एक प्लान पर मिलकर काम कर रहे हैं। इस प्लान से कंपनियों में फ्रॉड का पता शुरुआत में ही चल जाएगा। अभी यह प्लान सिर्फ स्टॉक मार्केट में लिस्टेड कंपनियों के लिए होगा। सूत्रों ने इस बारे में मनीकंट्रोल को बताया। इस प्लान के तहत चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और ऑडिटर्स को फ्रॉड के शुरुआती संकेत मिलते ही इस बारे में रेगुलेटर्स को बताना होगा। चूंकि, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और ऑडिटर्स लगातार कंपनी के मैनेजमेंट के संपर्क में रहते हैं, जिससे उन्हें फ्रॉड के संकेत सबसे पहले मिलने लगते हैं।

जल्द पता चलने पर फ्रॉड को गंभीर रूप लेने से पहले रोका जा सकता है

अगर किसी कंपनी में फ्रॉड का पता शुरुआत में ही चल जाता है तो गंभीर रूप लेने से पहले उसको रोका जा सकता है। इस मसले से जुड़े व्यक्ति ने बताया, "कॉर्पोरेट फ्रॉड का पता लगाने में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (CA) बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। इसकी वजह यह है कि उन्हें कंपनी के अंदर होने वाली घटनाओं का पता होता है। ऐसे कई मामले हैं, जिनमें CA ने व्हीसलब्लोअर यानी पोल खोलने का काम किया है। अब इसे औपचारिक रूप देने की जरूरत महसूस की जा रही है।"

ऑडिटर्स को पहले ही फ्रॉड के संकेत दिखने लगते हैं

ऑडिटर्स भी संभावित फ्रॉड के बारे में जानकारी दे सकते हैं, क्योंकि उनका संपर्क लगातार कंपनी के मैनेजमेंट से बना रहता है। अगर किसी कंपनी के टॉप ऑफिसर्स ऑडिटर्स की फोन कॉल का जवाब नहीं दे रहे हैं या पूरी जानकारी नहीं दे रहे हैं तो यह कुछ गड़बड़ होने का संकेत हो सकता है। SEBI का मानना है कि अगर फ्रॉड का पता शुरुआत में ही चल जाता है तो कंपनी को बड़े नुकसान से बचाया जा सकता है। फ्रॉड की वजह से कंपनी के लाखों शेयरहोल्डर्स और इनवेस्टर्स पर खराब असर पड़ता है।

इस मामले में विकल्पों पर विचार के लिए ग्रुप बनेगा

ICAI के प्रेसिडेंट चरणजोत सिंह नंदा ने पिछले महीने सेबी प्रमुख तुहिन कांत पांडेय से मुलाकात की थी। उन्होंने बताया था कि आईसीएआई इस बारे में कई प्रस्तावों पर विचार करने के लिए एक वर्किंग ग्रुप बनाएगा। इससे सेबी को फ्रॉड के बारे में शुरुआत में जानकारी मिल सकती है। इस बारे में SEBI और ICAI को भेजे ईमेल के जवाब नहीं मिले। सूत्र ने बताया कि ज्यादातर मामलों में फ्रॉड का पता उसके होने के एक या दो साल बाद चलता है।

जेनसोल इंजीनियरिंग में फ्रॉड की शुरुआत काफी पहले हो गई थी

ऐसे मामलों में सेबी के मामले तक पहुंचने से पहले ही कंपनी को नुकसान हो चुका होता है। ICAI फ्रॉड के मामलों के डेटा का भी विश्लेषण करेगा, जिससे फ्रॉड के अलग-अलग पैटर्न के बारे में पता चल सकेगा। लिस्टेड और गैर-लिस्टेड कंपनियों में फ्रॉड के मामले सेबी और दूसरे रेगुलेटर्स के लिए बड़े चैलेंज रहे हैं। Gensol Engineering का मामला इसका उदाहरण है। यह फ्रॉड FY23 में होना शुरू हो गया था, लेकिन इसके बारे में काफी बाद में पता चला।

Tags: #share markets

First Published: Jun 05, 2025 2:33 PM

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