News Image
Money Control

SEBI ने कमोडिटी एक्सचेंजों की आईटी कैपेसिटी के लिए नया प्रस्ताव पेश किया, जानिए क्या है इसका मतलब

Published on 01/07/2025 10:05 AM

सेबी ने कमोडिटी एक्सचेंजों और क्लियरिंग कॉर्पोरेशंस की आईटी कैपेसिटी के लिए नया प्रस्ताव पेश किया है। इसमें कमोडिटी एक्सचेंजों और क्लियरिंग कॉर्पोरेशंस के आईटी सिस्टम की कैपेसिटी घटाने की बात कही गई है। सेबी ने यह प्रस्ताव कमोडिटी एक्सचेंजों से मिले फीडबैक के आधार पर लिया है। मार्केट रेगुलेटर ने इस बारे में 30 जून को एक सर्कुलर जारी किया है। सेबी के इस ड्राफ्ट पर 20 जुलाई तक राय दी जा सकती है।

चार गुनी की जगह दोगुनी पीक लोड कैपेसिटी का प्रस्ताव

SEBI ने जो प्रस्ताव पेश किया है, उसका मतलब यह है कि कमोडिटी एक्सचेंजों के आईटी सिस्टम (Commodity Exchanges IT Systems) की कैपेसिटी अनुमानित पीक लोड की दोगुनी होनी चाहिए। अभी के नियम के हिसाब से इसका चार गुना होना जरूरी है। सेबी के प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि कैपेसिटी प्लानिंग और रियल-टाइम परफॉर्मेंस की गाइडलाइंस क्लियरिंग कॉर्पोरेशंस पर भी लागू होगा। सेबी कमोडिटी और इक्विटी मार्केट सेगमेंट्स के लिए एक जैसे नियम चाहता है। खासकर एक्सचेंजों और क्लियरिंग कॉर्पोरेशंस के मामले में वह सख्त और एक जैसी कैपेसिटी रिक्वायरमेंट चाहता है।

अभी आईटी सिस्टम की कैपेसिटी का नहीं हो रहा पूरा इस्तेमाल

सेबी ने एनालिसिस के बाद पाया है कि कमोडिटी एक्सचेंजों के आईटी सिस्टम की कैपेसिटी का पूरा इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। अभी कमोडिटी एक्सचेंजों के ट्रेडिंग सिस्टम की कैपेसिटी अनुमानित पीक लोड का कम से कम चार गुनी होनी चाहिए। दरअसल, इस बारे में सितंबर 2016 में एक सर्कुलर जारी किया गया था। इसमें कहा गया था कि कमोडिटी एक्सचेंजों को आईटी सिस्टम की कैपेसिटी अनुमानित पीक लोड के कम से कम चार गुना रखना होगा। मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशंस (MII) के लिए 1.5 गुना रखने की बात कही गई थी।

यह भी पढ़ें: Bharat Dynamics Stocks: 2025 में 71% उछला है यह स्टॉक, क्या अभी निवेश का बड़ा मौका है?

फॉरवर्ड लुकिंग कैपेसिटी प्लानिंग का भी प्रस्ताव

सेबी के ड्राफ्ट में फॉरवर्ड लुकिंग कैपेसिटी प्लानिंग, क्वार्टर्ली स्ट्रेस टेस्टिंग और रियल टाइम ऑटोमेटेड अलर्ट सिस्टम्स की बात कही गई है। अगर यूटिलाइजेशन स्थापित क्षमता के 75 फीसदी से ज्यादा हो जाता है तो एक्सचेंजों और क्लियरिंग कॉर्पोरेशंस को तुरंत जरूरी कदम उठाने होंगे। अनुमानित पीक लोड 180-दिनों के ट्रेड्स और 60 दिनों के अनुमान पर आधारित होने चाहिए।

Tags: #share markets

First Published: Jul 01, 2025 9:51 AM

हिंदी में शेयर बाजार,  स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।