Published on 19/05/2025 10:58 AM
Market news : टेलीकॉम इक्विपमेंट और टेलीकॉम ऑपरेटरों के लिए एक बड़ी खबर है। सरकार ने 6 GHz स्पेक्ट्रम बैंड पर बड़ा फैसला किया है। 5925 – 6425 MHz बैंड की डी लाइसेंस करने का ड्राफ्ट जारी किया गया है। इसका क्या मतलब है और इससे क्या असर पड़ेगा इस बात करते हुए सीएनबीसी-आवाज़ के असीम मनचंदा ने बताया कि सरकार ने 5925 – 6425 MHz बैंड की डी- लाइसेंसिंग करने के लिए ड्राफ्ट जारी किया है। 5925 – 6425 MHz बैंड क Ai, रोबोटिक सर्जरी, ई हेल्थ, AR, VR वीडियो गेम्स में इस्तेमाल होगा।
बताते चलें की डी-लाइसेंस का मतलब कि कोई भी कंपनी या व्यक्ति,सरकार अनुमति और भुगतान के बिना इस बैंड का इस्तेमाल कर सकता है। इसका उपयोग Wi-Fi हॉटस्पॉट्स, स्मार्ट डिवाइस, या IoT नेटवर्क में भी किया जा सकता है। अब तक 100 से ज्यादा देश 6 GHz बैंड को डी-लाइसेंस कर चुके हैं। भारत भी अब उसी दिशा में कदम बढ़ाने जा रहा है
सरकार के इस कदम से सोसाइटी का अंदर बिना रुकावट के हाई स्पीड इंटरनेट देना संभव हो सकेगा। इससे टेलिकॉम ऑपरेटर और टेलीकॉम इक्विपमेंट बनाने वाली कंपनियों को फायदा होगा। 100 से ज्यादा देश पहले ही 5925 – 6425 MHz बैंड की डी लाइसेंसिंग कर चुके हैं। डी - लाइसेंस करने का मतलब है कि कोई भी अब इस स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल मुफ्त में कर सकता है। दूरसंचार से जुडे उपकरण बनाने वाली कंपनियों के लिए सरकार का यह कदम काफी अहम है। यह उनके लिए बड़ी फायदे की बात है, क्योंकि नए बैंड का मतलब है नए उपकरण।
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सरकार का यह कदम भारत में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने और भविष्य की टेक्नोलॉजी को अपनाने की दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम है। इससे तेज, सस्ती और स्टेबल कनेक्टिविटी मिलेगी और डिजिटल इंडिया के विज़न को पूरा करने में मदद मिलेगी।
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First Published: May 19, 2025 10:49 AM
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